कान्हा आये हैं लिरिक्स Kanha Aaye Hai Lyrics गीत को निखिल जी द्वारा गाया गया है, उसिके ही स्वारा लिखा गया है। इस कृष्ण भजन मे भी वर्माजीने ही कम्पोज़ किया है। सभी भक्तो को ये भजन अच्छा लगेगा।
Kanha Aaye Hain Lyrics in Hindi Nikhil Verma
“घनघोर घटाएं बरस रही
तीनों लोक दर्शन को आए
नंद बाबा के आंगन में
आज कान्हा जो आए हैं”
कब से तरसती अखियां
इन अखियों में समाए हैं
आज बरज में कान्हा आए है
कब से तरसी थी अखिया अब
इन अंखियों में समाए हैं
आज ब्रज में कान्हा आए हैं
कब से तरसी थी अखियां
इन अखियों में समाए हैं
आज बिरज में कान्हा आए हैं
नंद बाबा के आंगन में
भरके खुशिया जलाए है
आज ब्रज में कान्हा है
मुरली मनोहर कृष्ण कन्हैया
यमुना तट पे विराजे है
मोर मुकुट और कान में कुंडल
हाथ में मुरली साजे है
मुरली मनोहर कृष्ण कन्हैया
यमुना तट पे बिराजे है
मोर मुकुट और कान में कुंडल
हाथ में मुरली साजे है
यशोदा मैया को तंग कर कर
मेरे कान्हा धूम मचाए हैं
गोकुल वासी और ग्वाल बाल
गोपी संग सबको नचाए हैं
वो नटखट लीलाधर मोहन
माखन भर मट की चुराए हैं
आज ब्रज में कान्हा आए है
नटखट लीलाधर मोहन
माखन भर मटकी चुराए है
आज ब्रज में कान्हा आए है
कान्हा की मन भावन मूरत
मेरे मन को भाती है
और उनकी प्यारी सी सूरत
मेरे दिल को लुबा है
कान्हा की मन भावन मूरत
मेरे मन को भाती है
और उनकी प्यारी सी सूरत
मेरे दिल को लुभाती है
मैं निहारू उनको जी भरकर
मेरी आंखों को आराम मिले
मैं राधा नाम में रम जाऊं
और मुझको मेरे श्याम मिले
तीन लोक के स्वामी है
वो दर्शन देने आए हैं
आज ब्रज में कान्हा आए हैं
कब से तरस थी अखिया
इन अखियों में समाए हैं
आज ब्रज में कान्हा आए है
कान्हा आए है
कान्हा आए है